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विध्नविनाशक मंगलदायक

विध्न विनाशक मंगलदायक,
गणपति बप्पा आये हैं,
सुख-शान्ति, उल्लास की
मेरे घर सौगात लाये हैं।

मनभावन मूरत है इनकी,
प्रथम पूज्य देवों के देव,
इनका पूजन करने से,
जीवन से मिटते सारे क्लेश।

जो सुखकर्ता-दुखहर्ता,
लम्बोदर,शशिभाल,गजानन,
भजन आरती सुबह शाम से
घर लगता मंदिर सा पावन।

अनुज हैं कार्तिकेय प्रभु के
वक्रतुंड,शिव-गौरीनंदन,
हाथ जोड़कर,शीश झुकाकर,
करते पूरे भाव से वंदन।

संग में जिनके रिद्धि-सिद्धि,
मूषकराज की करें सवारी,
दीनों का कल्याण करो,
स्वीकारो प्रार्थना हमारी।

             प्रीति ताम्रकार,जबलपुर(मप्र)

  

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